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विधानसभा बजट सत्र रहेगा हंगामेदार, कांग्रेस जिलों व संभाग के मुद्दे पर घेरेगी, सड़क पर भी लोग

RNE Special

31 जनवरी से 16 वीं राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आरम्भ हो रहा है। ये बजट सत्र इस बार कई मायनों में खास है। हर विधायक की सीट पर पैड लगा होगा और वे ऑनलाइन अपने सवाल रख सकेंगे। सभी विधायकों को लैपटॉप व प्रिंटर भी दिए गए हैं, ताकि वे सब काम ऑनलाइन ही करें। इसका प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है। पेन पेपर लेस इस सत्र को बनाने की पूरी तैयारी है।

इसके अलावा विधानसभा भीतर से भी काफी बदली हुई नजर आयेगी। खास तौर पर रंग को लेकर। कालीन व कुर्सियों का रंग भी इस बार विधानसभा अध्यक्ष ने बदलवाया है। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने ये भी कहा है कि 15 वीं विधानसभा से अधिक सवाल पूछने का अवसर इस बार की विधानसभा में सदस्यों को मिलेगा। इनके जवाब के लिए भी उन्होंने अधिकारियों को पाबंद किया है, संख्त रहकर। इस कारण विधानसभा सत्र में बहुत कुछ बदला हुआ नजर आयेगा।

कार्यप्रणाली का क्या होगा:

विधानसभा के भीतर का रूप, रंग, व्यवस्थाएं तो बदल जायेगी मगर क्या कार्यप्रणाली विधायक बदलेंगे, ये बड़ा सवाल है। विधानसभा के पिछले सत्र में भी खूब जमकर हंगामा हुआ था। उस पर अंकुश कैसे लगेगा। यदि उस पर अंकुश न लगे तो फिर जन हित के मुद्दे कैसे उठेंगे। उनकी बात तो रखी तभी जा सकती है, जब शांति से कार्यवाही चले।

विपक्ष के तेवर से तो लगता है कि इस बार का विधानसभा सत्र पिछले सत्र से ज्यादा हंगामेदार होगा। क्योंकि उप चुनाव में कांग्रेस हारी हुई और भाजपा जीत से प्रफ्फुलित है। जीतने के बाद उसने कई ताबड़तोड़ निर्णय कर पिछली सरकार की योजनाओं को बंद कर दिया। कुछ को पलट दिया। कुछ के नाम बदल दिए। भाजपा सरकार उप चुनाव जीतने के बाद से हावी दिख रही है। जोश में उसने कई निर्णय भी किये हैं। हार की हताशा से घिरी कांग्रेस शांति से सदन को चलने तो नहीं देगी। अब उसके पास 3 विधायक कम भी है।

जिले व संभाग का मुद्दा:

राज्य सरकार ने गहलोत के बनाये 3 संभागों व 9 जिलों को खत्म कर दिया। विधानसभा में ये हंगामे का बड़ा मुद्दा होगा। क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर भी उतरी हुई है। इस मुद्दे पर वो सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। उससे हंगामा होना तय है।

दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर जनता भी सड़कों पर उतरी हुई है। जो संभाग व जिले बंद हुए हैं, वहां के लोग सत्र के दौरान विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगे और कांग्रेस इसे सदन के भीतर मुद्दा बनायेगी। हंगामा निश्चित ही है।

अंग्रेजी माध्यम स्कूल:

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए सरकार ने मंत्रियों की एक समिति बनाई है। कांग्रेस का मानना है कि ये इन स्कूलों को बंद करने की कोशिश है। ये गहलोत सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि कांग्रेस मानती है। वो इसे विधानसभा में उठायेगी। जाहिर है, इस मामले में बड़े हंगामे के आसार हैं।

मंत्रियों की जो समिति बनी है उसमें उप मुख्यमंत्री प्रेमचन्द्र बैरवा भी हैं। जिनके क्षेत्र में इस तरह की 30 से अधिक स्कुलें हैं। समिति में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गौदारा भी है। जिन्होंने उस समय के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र में ये स्कुलें खुलवाई। इसको मुद्दा बनाकर विपक्ष सदन में हंगामा करेगा।

पांच मुद्दे उठेंगे:

विपक्ष जन हित के कुल 5 मुद्धों को लेकर इस सत्र में जायेगा। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष ने अपने सभी विधायकों को पत्र भी लिखा है। 30 जनवरी को होने वाली विपक्षी दल की बैठक में 5 मुद्दे तय होंगे और उस पर सरकार को घेरा जायेगा। जाहिर है विधानसभा का बजट सत्र खासा हंगामेदार रहेगा।



मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में 

मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को  अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।